Main reasons for the fall in Indian stock market Toda

Know the global and domestic reasons behind the fall in Indian stock market on 28 February 2025, tips for investors and the future of the market. Read

Main reasons for the fall in Indian stock market Today and guide for investors


 भारतीय शेयर बाजार ने तेज़ गिरावट का सामना किया। BSE Sensex 1,200 अंक और Nifty 50 में 350 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है: 

आखिर क्यों गिरा शेयर बाजार? इस लेख में, हम इस गिरावट के पीछे के वैश्विक और घरेलू कारणों, बाजार पर पड़ने वाले प्रभाव, और निवेशकों के लिए ज़रूरी सुझावों पर चर्चा करेंगे।



5 प्रमुख कारण

विश्लेषकों और बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निम्नलिखित कारणों से शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई:  


1. वैश्विक बाजारों में मंदी का असर

  •   अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में 0.5% की बढ़ोतरी की घोषणा से निवेशकों में दहशत फैली।  
  •    एशियाई बाजारों (टोक्यो, हांगकांग) में 2-3% की गिरावट ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया।  


2. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

  •    मध्य पूर्व में राजनीतिक तनाव के कारण क्रूड ऑयल $120 प्रति बैरल के स्तर पर पहुंचा।  
  •    भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए यह महंगाई और व्यापार घाटे का संकट बना।  


3. FIIs (विदेशी संस्थागत निवेशकों) की भारी बिकवाली

  •    FIIs ने फरवरी 2025 में लगभग ₹12,000 करोड़ के शेयर बेचे, जिससे बाजार में तरलता की कमी हुई।  
  •    डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी (₹84/$) ने FIIs को और हतोत्साहित किया।  


4. घरेलू आर्थिक आंकड़ों में निराशा

  •    Q3 GDP ग्रोथ 4.8% रही, जो सरकारी अनुमान (6.2%) से काफी नीचे थी।  
  •    विनिर्माण सेक्टर में गिरावट और बेरोजगारी दर 8.5% तक पहुंचने से बाजार में नकारात्मकता फैली।  


5. टेक और IT सेक्टर में कमजोरी

  •    NASDAQ में गिरावट का सीधा असर भारतीय IT कंपनियों (TCS, Infosys) पर पड़ा।  
  •    अमेरिकी ग्राहकों से मिलने वाले ऑर्डर्स में 15% की कमी की आशंका से सेक्टरल इंडेक्स 5% गिरा।  

बाजार गिरावट का निवेशकों पर क्या असर हुआ?

  • लघु अवधि के निवेशकों को नुकसान: मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 8-10% की गिरावट दर्ज की गई।  
  • SIP करने वालों के लिए अवसर: गिरावट के दौर में नियमित निवेश से अच्छे शेयरों में एंट्री मिल सकती है।  
  • सावधानी की ज़रूरत: हाई डेट वाले निवेशकों को मार्जिन कॉल का खतरा बढ़ा।  

निवेशकों के लिए 4 ज़रूरी टिप्स

  1. भावनाओं से बचें: बाजार के उतार-चढ़ाव में पैनिक सेलिंग न करें।  
  2.  डाइवर्सिफिकेशन बनाए रखें: इक्विटी, गोल्ड, और डेट में संतुलित निवेश करें।  
  3.  लॉन्ग-टर्म फोकस: 2008, 2020 जैसे संकटों में बाजार ने रिकवरी की थी, इस बार भी उम्मीद बनाए रखें।  
  4. फंडामेंटल स्टॉक्स चुनें: P/E Ratio, डेट-टू-इक्विटी जैसे पैरामीटर्स पर ध्यान दें।  

किन दस्तावेज़ों पर नजर रखें?

  • RBI की मौद्रिक नीति रिपोर्ट: ब्याज दरों और महंगाई के अनुमान जानें।  
  • कंपनियों के क्वार्टरली रिजल्ट्स: विशेषकर बैंकिंग और ऑटो सेक्टर पर फोकस करें।  
  • वैश्विक आर्थिक डेटा: अमेरिकी बेरोजगारी दर और चीन का PMI डेटा ट्रैक करें।  

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. क्या यह गिरावट लंबे समय तक रहेगी?

नहीं, बाजार ऐतिहासिक रूप से हर गिरावट के बाद ठीक हुआ है। हालांकि, 3-6 महीने की अस्थिरता संभव है।  


Q2. क्या अभी नए शेयर खरीदने का सही समय है?

हां, लेकिन केवल उन कंपनियों में निवेश करें जिनके फंडामेंटल्स मजबूत हैं।  


Q3. FIIs की बिकवाली कब रुकेगी?

जब वैश्विक बाजार स्थिर होंगे और भारत की GDP ग्रोथ में सुधार होगा।  


निष्कर्ष

आज की  गिरावट भारतीय शेयर बाजार के लिए एक चेतावनी है, लेकिन यह अवसर भी है। इतिहास गवाह है कि बाजार हर संकट से उबरा है। ज़रूरत है तो सही स्ट्रेटेजी, धैर्य और रिसर्च के साथ आगे बढ़ने की। निवेशकों को चाहिए कि वे शॉर्ट-टर्म नॉइज़ से डरें नहीं, बल्कि लॉन्ग-टर्म गोल्स पर फोकस करें।  


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